संवाददाता द्वारा
पिछले कई वर्षों से संगीन आपराधिक गतिविधियां में संलिप्त मंटू सोनी को रांची हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए एक लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। दरअसल मंटू सोनी के द्वारा अपने निजी हितों को साधने के लिए एनटीपीसी पकरी बरवाडीह, चट्टी बरियातू एवं केरेडारी कोयला खनन परियोजनाओं पर एक के बाद एक निराधार आरोप लगाए जाते रहे हैं। इन आरोपों से जहां कंपनी की छवि धूमिल हुई है वहीं दबाव भी झेलना पड़ा है। अपनी इसी प्रवृत्ति को जारी रखते हुए मंटू सोनी ने एक बार पुनः झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में मंटू सोनी ने एनटीपीसी पकरी बरवाडीह पर भूमि मुआवजे में हुए घोटाले का आरोप लगाते हुए कोर्ट से कार्रवाई करने की मांग की थी।
कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए मंटू सोनी पर ₹100000 का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि मंटू सोनी की PIL जन सरोकार से जुड़े नहीं लगते बल्कि यह निजी हित का ज्यादा प्रतीत होता है। कोर्ट ने अपने ऑब्जर्वेशन में यह भी कहा कि मंटू सोनी पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं जिसे मंटू सोनी ने अब तक कोर्ट से छुपाए रखा जबकि नियम के अनुसार याचिकाकर्ता को अपनी सारी जानकारियां कोर्ट के साथ साझा करनी होती है।
आपको बता दें कि मंटू सोनी पर अवैध हथियार रखने, चरमपंथी संस्था झारखंड टाइगर फोर्स का सदस्य होने, ब्लास्ट करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, पुलिस प्रशासन के साथ मारपीट करने जैसे कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन सभी मामलों में से दो मामले में मंटू सोनी को कोर्ट ने दोषी पाया है जबकि अन्य मामलों में कार्रवाई जारी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मंटू सोनी के द्वारा अपने निजी हितों को साधने विशेष तौर पर वसूली करने के उद्देश्य से पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना को बदनाम किया जा रहा है।